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________________ सामायिक : अर्थ और स्वरूप जो समो सव्वभूएसु तसेसु थावरेसु य । तस्स सामाइयं ठाई, इदि केवलिभासियं ॥ –समणसुत्तं आत्मा के साथ समत्व या एकत्व या एकीभूत होना समाय है । 'समाय' में होना सामायिक है । सामायिक की स्थिति में श्रमण और श्रावक दोनों समान भूमि पर आ खड़े होते हैं, दोनों आरम्भ-परिग्रह के त्यागी हो जाते हैं । हां, बाह्य रूप में कुछ भेद दिखायी पड़ता है, आंतरिक दृष्टि से वे समान होते हैं सामायिके सारम्भाः परिग्रहा नैव सन्ति सर्वेऽपि । चेलोपसृष्टमुनिरिव गृही तदा याति यतिभावं ।। -रत्नकरण्ड श्रावकाचार, १०२ . 'योगशास्त्र' (३-८२) में सामायिक व्रत को इस प्रकार परिभाषित किया गया है त्यक्तातरौद्रध्यानस्य, त्यक्तसावद्यकर्मणः । मुहूर्त समतायाः तां, विदुः सामायिक-व्रतम् ।। गृहस्थ, श्रावक का आर्त तथा रौद्र ध्यान और सावद्य तथा पापमय कर्मों का परित्याग का एक मुहूर्त तक समभाव में आत्म-चिन्तन या स्वाध्याय में बिताना ही सामायिक व्रत है। समता-भाव या समत्व का होना ही सामायिक है। सामायिक दो प्रकार की होती है : (१) श्रावक की सामायिक सागार सामायिक होती है (२) साधु की सामायिक अनगार सामायिक होती है। सब पदार्थों, वस्तुओं, प्राणियों के साथ समभाव रखने वाला व्यक्ति ही सामायिक जैसे परम पावन व्रत को धारण कर सकता है। सामायिक की शुद्धता मन की शुद्धता पर अवलम्बित है। सामायिक में सात बातों की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है—(१) मन, (२) वचन, (३) क्षेत्र, (४) काल, (५) आसन, (६) विलय, (७) काया । सामायिक द्वारा ३२ दोषों से बचा जा सकता है। इनमें १० दोष मन के हैं, १० दोष वचन के हैं और १२ काया के हैं । काया के दोषों पर अधिकार पाना जितना सरल है उतना ही मन-वचन के दोषों पर अधिकार पाना कठिन है। सामायिक की प्रासंगिकता में कोई सन्देह नहीं। आज मनुष्य का जीवन अन्दर-बाहर दोनों रूपों में अशान्त है, तनावग्रस्त है, कुण्ठाग्रस्त है। चारों ओर का वातावरण विषाक्त है, प्रदूषित है। संघर्षमय जीवन जी रहा है आज का मनुष्य । हिंसा, कलह, द्वेष, गृणा, क्रोध, भ्रष्टाचार, लूट-मार, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ww
SR No.003145
Book TitleAdhyatma ke Pariparshwa me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNizamuddin
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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