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________________ ३५. स्वस्थ जीवन का आश्वासन प्रबुद्ध और सम्पन्न युवकों का एक समूह। वे आपस में मिलते हैं। समाज विकास के सपने देखते हैं। देश को उन्नति के शिखर पर ले जाने की योजनाएं बनाते हैं। किन्तु भीतर-ही-भीतर तनाव से भरे हुए हैं। टूटन का अनुभव कर रहे हैं। परिवार में अनुशासनहीनता की त्रासदी भोग रहे हैं। व्यसनों के गलियारों में घूमते हुए बच्चों को रोकने में असफल हो रहे हैं। इसलिए वे मुस्कराने की कोशिश करते हुए भी उदास हैं, हताश हैं और किसी ऐसे उपाय की खोज में हैं, जो उनको स्वस्थ और प्रसन्न जीवन का आश्वासन दे सके। एक ऐसे ही समूह के पास कुछ युवा कार्यकर्ता पहुंचे। उनकी परिस्थिति और मनःस्थिति का आकलन करते हुए उन्होंने कुछ प्रश्न उपस्थित किये क्या आप तनावमुक्त जीवन जीना चाहते हैं? क्या आप अपने बच्चों में अच्छे संस्कार जगाना चाहते हैं? क्या आप अपने परिवार में मानवीय मूल्यों को स्थापित करना चाहते हैं? सुना है कि अणुव्रत समिति, कलकत्ता के उत्साही कार्यकर्ताओं ने विगत कुछ अर्से से एक अभियान शुरू किया है। वे कलकत्ता महानगर में वहां के प्रबुद्ध वर्ग से सम्पर्क साध रहे हैं। रोटरी और लायन्स क्लबों की तरह उन्होंने वहां के डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज आदि उच्च शिक्षित वर्गों के छह सौ व्यक्तियों को प्रथम बार में चुना है। कौन कार्यकर्ता कितने व्यक्तियों के साथ सम्पर्क स्थापित करेगा-इस निर्णायक व्यवस्था कार्य का विभाजन किया गया है। जिन व्यक्तियों से उनको मिलना होता है, वे पहले पत्र-व्यवहार कर उनसे समय लेते हैं। समय मिलने पर वे उनकी सुविधा के अनुसार घर या ऑफिस में मिलते हैं। साक्षात्कार के क्षणों में उनका प्रश्न होता है- आपको क्या काम है? हम आपकी क्या सेवा कर सकते हैं? इस प्रश्न के उत्तर में स्वस्थ जीवन का आश्वासन : ७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003144
Book TitleDiye se Diya Jale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size9 MB
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