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३२. लहर बदलने वाला झोंका
अणुव्रत है लोकचेतना जगाने का आन्दोलन । नैतिक मूल्यों को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयत्नशील आन्दोलन। चारित्रिक स्तर को उन्नत करने वाला आन्दोलन। अणुव्रत एक ऐसा आन्दोलन, जो न राजनीति से प्रेरित है और न धार्मिक आस्थाओं के साथ इसका कोई अनुबन्ध है। न किसी प्रकार की उपासना का आग्रह और न किसी उपासना पद्धति से परहेज। अच्छा जीवन जीने का संकल्प स्वीकार करने के लिए अच्छाई का एक पैमाना। ऊंचा जीवन जीने की आकांक्षा रखने वाले व्यक्ति के लिए ऊंचाई का एक आदर्श।
देश की आजादी के साथ-साथ अणुव्रत आन्दोलन मुखर हुआ। देश के लाखों-करोड़ों कानों ने अणुव्रत का घोष सुना। हजारों-हजारों व्यक्तियों ने अणुव्रत को सराहा। सैकड़ों-सैकड़ों लोगों ने अणुव्रत को अपनाया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अणुव्रत का दीया हाथ में लेकर युग के अंधेरों से लड़ने का बीड़ा उठाया। चार दशकों की यात्रा पूरी हो गई। पांचवे दशक में एक बार फिर अणुव्रत पर देश की निगाहें टिकी हैं। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय एकीकरण पुरस्कार ने अणुव्रत को सुर्खियों में ला दिया। अणुव्रत में सक्रिय भागीदारी रखने वाले व्यक्तियों का दायित्व और अधिक बढ़ गया। यह भी एक संयोग है कि इस वर्ष हमने पूरे वर्ष के लिए प्रतिमास एक दिन अणुव्रत के नाम से रखा है। प्रत्यके महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन 'अणुव्रत चेतना दिवस' के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। यह काम अणुव्रत को विशेष गति देने के उद्देश्य से किया गया है।
वैसे विगत अनेक वर्षों से देश भर में अणुव्रत का एक वार्षिक कार्यक्रम-अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह होता रहा है। नेटवर्क के रूप में समायोजित इस कार्यक्रम से काफी ठोस परिणामों की अपेक्षा थी। किन्तु
लहर बदलने वाला झोंका : ६६
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