SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चलने के लिए बाध्य करती है? मन जानै सब बात, जानत ही औगुन करै। काहे की कुशलात, कर दीपक कुवे पडै ॥ मनुष्य इतना समझदार प्राणी है कि वह सही या गलत सब कुछ जानता है। जानने, समझने के बावजूद वह गलत दिशा ले रहा है। उसकी यह कौनसी बुद्धिमत्ता है, जो हाथ में दीया होने पर भी कुएं में जाकर गिर रहा है? अनजाने में होने वाला प्रमाद क्षम्य हो सकता है, पर जानते हुए जो प्रमाद हो, उसका प्रतिकार कैसे होगा? आज पूरे विश्व के सामने कुछ समस्याएं सिर उठाए खड़ी हैं। विश्व के स्तर पर ही उनका समाधान खोजा जाए तो संभवतः कोई समस्या ऐसी नहीं है, जो अपने अस्तित्व को बचाकर रख सके। पर समाधान कौन खोजे? इस दिशा में पहल कौन करे? इन प्रश्नों पर एक गहरी चुप्पी चादर डालकर सो रही है। कौन उस चादर को उतारे? कौन उन प्रश्नों की गहराई में झांके? और कौन विश्व मानव को उसकी गरिमा से परिचित कराए? जिसके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई? जिन लोगों के सामने किसी प्रकार का अभाव नहीं है, वे अभावग्रस्त लोगों की पीड़ा कैसे पहचान पाएंगे? मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओंभोजन, वस्त्र, मकान, शिक्षा, चिकित्सा आदि की पूर्ति भी जहां नहीं होती हो, वह कोई भी राष्ट्र हो, वहां अपराध बढ़ेंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ का दायित्व केवल आमने-सामने होने वाले युद्धों को रोकने तक ही सीमित क्यों हो? भीतर-ही-भीतर जो लड़ाई लड़ी जा रही है, उसके कारणों की खोज और उसकी रोकथाम का प्रयत्न क्या आवश्यक नहीं है? ___ आज की मूलभूत समस्या है-जीवन मूल्यों के प्रति अनास्था। अनास्था की इस बीमारी का उपचार किसी के पास नहीं है। बीमारी असाध्य हो, उससे पहले ही सही निदान और उपचार की जरूरत है। इसके लिए आध्यात्मिक, सामाजिक, साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्रों से एक समन्वित प्रयास हो। इस प्रयास से कोई नई दिशा निकलेगी, ऐसी संभावना की जा सकती है। ३८ : दीये से दीया जले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003144
Book TitleDiye se Diya Jale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy