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________________ है । मनुष्य के सामने मुख्य लक्ष्य दो ही रह गए हैं - अर्थ और सत्ता । इनकी प्राप्ति के लिए हर उपाय को वैध माना जा रहा है । इस परिस्थिति में कहीं कोई त्राण नजर नहीं आ रहा है । हम जानते हैं कि इस दुनिया में जबर्दस्त उथल-पुथल मचेगी। प्रलय की स्थिति आएगी। पर वह समय बहुत दूर है। आज मनुष्य ने जैसी स्थितियां पैदा की हैं, वह समय नजदीक आता दिखाई दे रहा है। वह समय इतना भयावह होगा, जिसकी कल्पना से ही रोमांच हो जाता है । ऐसी स्थिति में हमारा संदेश यही है कि यदि मनुष्य सुख-शांति से जीना चाहता है तो अपनी जीवनशैली बदले । अणुव्रत पर आधारित जीवनशैली उसे संकट से उबार सकती है। अणुव्रत की शैली मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठित करने की शैली है । आज की सबसे बड़ी अपेक्षा भी यही है । 'संयुक्त राष्ट्र संघ' द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में 'सहिष्णुता वर्ष' की घोषणा मानवीय मूल्यों को तरजीह देने की घोषणा है । हमारे अणुव्रत मिशन को व्यापक और प्रभावी बनाने में पाक्षिक पत्र 'अणुव्रत' की भी अच्छी भूमिका रही है। इसके माध्यम से जन-जन तक मानवीय मूल्यों की चर्चा पहुंच रही है । आज सही बात कहने और उसे जन-जन तक पहुंचाने की दृष्टि से भी अकाल-सा दिखाई दे रहा है। मीडिया अपने दायित्व से सही अर्थों में प्रतिबद्ध नहीं है । यदि उसके साथ यह प्रतिबद्धता हो जाए तो हमारा काम काफी आसान हो सकता है । अन्य समाचार पत्र और दूरदर्शन अपने पाठकों एवं दर्शकों को क्या परोसता है, इस विवाद में उलझे बिना अणुव्रत अपनी छोटी सीमाओं में भी बड़ा काम कर रहा है। विश्व के किसी भी हिस्से में मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा का कोई भी काम होता हो, उसका प्रकाश जन-जन तक पहुंचता रहे तो सिमटते हुए उजालों को विस्तार दिया जा सकता है। जिज्ञासा - आज राष्ट्र आर्थिक व्यवस्था के व्यापक उतार-चढ़ाव से जूझ रहा है । आर्थिक विषमता की भीषण स्थितियों को कैसे कम किया जा सकता है? समाधान- समाज एवं राष्ट्र में आर्थिक विषमताएं कब नहीं थीं? कोई भी समय हो और कोई भी देश, छोटे-बड़े और अमीर-गरीब की असमानताएं १८२ : दीये से दीया जले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003144
Book TitleDiye se Diya Jale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size9 MB
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