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________________ ६४ महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण प्रस्तुत कृति के ३५ निबंधों में शासन, अनुशासन और मर्यादा के सूत्रों का तो विवेचन हुआ ही है, साथ ही चरमोत्सव और पट्टोत्सव पर दिए गए विचारों का भी संकलन है जिनमें आचार्य भिक्ष और आचार्य तुलसी के जीवन को नई शैली में अभिव्यक्त किया गया है । 'हम आचार्य भिक्षु बनें', 'तुम्हारा शोषण वरदान बन जाता है', 'महान् स्वप्नद्रष्टा' आदि निबंध उन्हीं से संबंधित हैं। इस पुस्तक को पढ़कर समझा जा सकता है तेरापन्थ को और जाना जा सकता है आचार्य भिक्षु की पुण्य प्रेरणा, परिणति और परम्परा को। धर्म के सूत्र आदमी अंधकार को नहीं चाहता । वह प्रकाश चाहता है। आदमी अशरण रहना नहीं चाहता । वह शरण चाहता है । जीवन की तमिस्रा को मिटाने के लिए उसके समक्ष धर्म एक दीपक है। उसकी अशरणता या अत्राण को मिटाने के लिए धर्म ही द्वीप है । धर्म पवित्रता का एक मात्र साधन है, सुख का आधार है, शांति का मार्ग है और आनंद का स्रोत है। प्रस्तुत कृति लघु है, पर इसमें धर्म के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करने वाले तीस निबंध हैं । इनसे धर्म की अवधारणा या अवबोध स्पष्ट हो जाता है। जब अवबोध स्पष्ट हो जाता है तब उसे धर्म के सूत्र हस्तगत होने में विलंब नहीं होता । प्रस्तुत पुस्तक में धर्म के कुछेक सूत्र विवेचित हैं, जिनका अवलंबन लेकर व्यक्ति अपने जीवन की ही नहीं, दूसरों के जीवन की भी तमिस्रा को मिटा सकता है। इन सूत्रों को अपनाकर व्यक्ति सुनहले भविष्य का निर्माण ही नही बल्कि वर्तमान को भी सुखी और शांत बना सकता है। हिन्दी जन-जन की भाषा भारत को स्वतंत्र हुए चालीस वर्ष हो रहे हैं। किन्तु अभी तक हिन्दी राष्ट्रभाषा का गौरव नहीं पा सकी। इसमें व्यक्तियों के स्वार्थ अवरोधक बन रहे हैं। प्रस्तुत लघु पुस्तक में लेखक ने छह प्रश्न सामने रखे हैं जो पुनश्चिन्त्य (१) हिन्दी का स्वरूप क्या है ? क्या होना चाहिए ? (२) उसका स्वामित्व कहां है ? कहां होना चाहिए ? (३) उसके अस्तित्व और विकास के साधन कौन-कौन से हैं ? (४) उसका क्षेत्र-विस्तार कितना है ? (५) उसकी सत्ता कबसे है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003141
Book TitleMahapragna Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages252
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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