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४. विविधा
इसमें विभिन्न विषयों से संबंधित १५ पुस्तकों का परिचय है। यूवाचार्य श्री कभी दार्शनिक विषयों पर प्रवचन करते हए विद्वद् मंडली को संबोधित करते हैं तो कभी सामान्य विषयों पर जन-साधारण के बीच बोलते हैं। कभी वे शिक्षकों और विद्यार्थियों को उदबोधित करते हैं तो कभी राजनयिकों और राज्याधिकारियों को दिशा-दर्शन देते हैं। कभी महिलाओं को उनके कर्तव्य से परिचित कराते हैं तो कभी युवकों को दायित्व-बोध की अवगति देकर अध्यात्म में पुरुषार्थ के विस्फोट की बात बताते हैं ।
इस खंड में उन सभी पुस्तकों का परिचय है जो विभिन्न वर्गों के मध्य दिए गए विभिन्न विषयों के प्रवचनों से विभूषित हैं।
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