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अनुभव का उत्पल
साध्य के लिए
साध्य की प्राप्ति के लिए अपना समर्पण ही अनुशासन है। साध्यहीन के लिए कोई अनुशासन नहीं होता। आप जिसे अनुशासित करना चाहें, उसके लिए पहले साध्य निश्चित कीजिए। - मनुष्य साध्य के लिए जीता है और उसी के लिए मरता है।
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