________________
(iv)
धन्य हुआ।
मैं न राजस्थानी भाषी हूँ, न तेरापंथी किन्तु राजस्थानी की मधुरता एवं तेरापंथ की शुचिता का संस्पर्श पाकर कृत-कृत्य हूँ।
१५ नवम्बर, १९९३ आचार्यश्री तुलसी जन्म दिवस
रामजी सिंह
कुलपति
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org