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________________ २८ तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान तीस-तृषया, तृषा थल-स्थल दरपण--दर्पण दरपी-दी दाखां-द्राक्षाः दिगभरस-दिग्भ्रम दिशाभरम-दिशाभ्रम दीठ-दृष्टि दुंद—द्वन्द्व दुवार-द्वार द्वेत-द्वैत धणख--धनुष धणियाप धिन-धन्य धूणधाणी धूल-धूलि नखतर-नक्षत्र निचित-निश्चित निदरा-निद्रा निपंख-निष्पंख-निष्पक्ष निरणायक-निर्णायक निरदंद-निर्द्वन्द्व निरदोष-निर्दोष निरबलता-निर्बलता निस्च-निश्चय निस्ठावां-निष्ठाः नूओ-नव नेम-नियम नेह-स्नेह नैण-नयन नैणां-नयनानि पकफल-पक्वफल पख--पक्ष परकरती-प्रकृति परकास-प्रकाश परगट्या--प्रकटित, प्रकटे परणाम --परिणाम परतिछबि-प्रतिच्छवि परतिमा--प्रतिमा परतीत-प्रतीत परमाद--प्रमाद परमेसर-परमेश्वर पराकरम-पराक्रम पराथनां-प्रार्थना परालब्ध-प्रारब्ध पवितर-पवित्र पाखी-पक्षी पुन--पुण्य पूरति-पूत्ति पोख-पोष, पोष, पौष्य पौरख, पौरुख-पौरुष प्राश्चित--प्रायश्चित्त फरस-स्पर्श बिखै—विषय बिजोगी-वियोगी विरथा-वृथा बिरम--ब्रह्म बिरमखीर-ब्रह्मक्षीर बिरमांडरा-ब्राह्माण्ड का विस-विष बिसवास-विश्वास विसेस-विशेष विसेसण-विशेषण बेधसाला---वेधशाला बेला–वेला भगत-भक्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003137
Book TitleTerapanth ka Rajasthani ko Avadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnarayan Sharma, Others
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size9 MB
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