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तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान
४०२ १४८ २२१
४० २५६ २३८ २२६
२८६
२३०
९१. लक्षमण राम स्यू विनवै ९२. वारू है साधां री वाणी ९३. वीर पधाऱ्या राजगृही में ९४. वीरमती कहै चंद ने ९५. वीरमती तरू अंब नै कांई दीधो कंब प्रहार ९६. वीर विराज रह्या ९७. शहर में शहर में वैरागी संयम आदरै ९८. सपना रे वेरी भंवर मिला दे रे ९९. सभापति हमें मिले बुधवान १००. सरणाट कुचामण बहग्यो १०१. सहियां गाओ ओ बधावो १०२. सायर लहर स्यूजाणजी १०३. साधु श्रावक व्रत पाल नै रे १०४. साधु श्रावक रतनां री माला १०५. सीपइया तेरी सांवरी सूरत पर वारी १०६. सुखपाल सिंहासण १०७. सुगणा खमाविए तज खार १०८. सुमति नाथ सुमता पथ दाता १०९. सुहाग मांगण आई ११०. हरी गुण गाय लै रे १११. हाँ रै हूँ तो इचरज पानी स्वामी बचने ११२. हेम ऋषि भजिए सदा रे ११३. हो पिउ पंखीड़ा
८५ १११
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८५ २९९ ३१२ ७५ ७२ ३६९
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