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तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान
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(२) आचार दर्शन से सम्बन्धित संस्मरण
८८ (३) व्यवहार दर्शन से सम्बन्धित संस्मरण (४) विचार दर्शन से सम्बन्धित संस्मरण
तीसरा वर्गीकरण स्थान के आधार पर घटित संस्मरणों का अधोविन्यस्त विभाजन सत्यस्त है:स्थान (गांव) संस्मरणों को
स्थान का संस्मरणों की का नाम संख्या
संख्या १. पीपाड़
बिलाड़ा २. पाली
पादू ३. पुर
कांकरोली ४. खेरवा
गुंदोच ५. रीयां
चेलावास ६. सिरियारी
किशनगढ़ ७. केलवा
रिणीही ८. नाथद्वारा
जोधपुर ९. ढूढाड
देवगढ़ १०. आउवा
आमेट ११. माधोपुर
भीलवाड़ा १२. सोजत
जाडण १३. काफरला
माठा १४. आगरिया
देसूरी १५. खारची
बूंदी १६. उदयपुर
आचार्य भिक्षु से सम्बन्धित संस्मरणों का गांव और शहरों का विवरण प्राप्त नहीं है।
भिक्खु दृष्टांत को पढ़ने से अनुभव होता है, कि ये संस्मरण थली, मेवाड़, मारवाड़, दूठाण में घटित हुए हैं। जहाँ आचार्य भिक्षु ने अपनी ओजस्वी-धर्म-देशना से लोगों को लाभान्वित किया था। प्रकाशन-इस राजस्थानी भाषा के सर्वोत्तम ग्रन्थ का पहला प्रकाशन
सन् १९६० में हुआ। सम्पादक----जैन विद्या मनीषी श्रीचन्दजी रामपुरिया । प्रकाशक-जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा, कलकत्ता । सुधी पाठकों के हाथों में जैसे ही यह कृति पहुँची, संस्मरणों को
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