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उसकी स्वस्थता को सुरक्षित रखने के लिए अप्रमत्त रहें। पर किसी कारण यदि अनैतिकता, भ्रष्टाचार, अप्रामाणिकता, रिश्वत, मद्यपान जैसी बुराइयां आपके जीवन में घुसपैठ कर गई हों तो आप उन्हें बाहर निकालने के लिए आत्म-साक्षी से संकल्पबद्ध हों, ताकि भविष्य में आपका जीवन इन बुराइयों से बचा रह सके । आपका यह कदम स्वयं आपके लिए तो मंगलकारी होगा ही, राष्ट्रीय चरित्र को ऊंचा उठाने में भी योगभूत हो सकेगा।
पुलिस लाइन्स, लखनऊ ११ मई १९५८
जीवन को संवारें
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