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स्वयं से शुरुआत हो
प्रश्न है, इस परिवर्तन के अभियान को कौन चलाएगा ? इसकी शुरुआत कहां से होगी ? मेरा अभिमत है, इस दिशा में व्यक्ति-व्यक्ति को स्वयं ही अभियान चलना होगा । स्वयं से ही शुभ शुरुआत करनी होगी। दूसरों की प्रतीक्षा की बात बेमानी है। अणुव्रत आन्दोलन इस दिशा में आपका मार्ग प्रशस्त करता है। इसकी छोटी-सी आचार-संहिता को स्वीकार कर व्यक्ति अपने जीवन को सदाचार और नैतिकता के ढांचे में ढाल सकता है । दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह एक मानवता का आन्दोलन है। यह व्यक्तिव्यक्ति में मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा करने का कार्य कर रहा है । आप भी इस आन्दोलन से जुड़ें, इसकी आचार-संहिता को देखें, समझे और उसे संकल्प के स्तर पर स्वीकार करें। इससे आपका जीवन मानवता की प्रभा से भाषित हो उठेगा।
रामकृष्ण मिशन, जवाहर नगर (कानपुर) २७ अप्रैल १९५८
महके अब मानव-मन
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