SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अहिंसा का उज्ज्वल भविष्य बन्धुओ ! अहिंसा की दिशा में आगे बढ़ने के संदर्भ में मेरी परिकल्पना और आशा तो यह है कि वह भी एक दिन आएगा, जब फांसी क्या, जेल की भी सजा नहीं होगी। कोई अपराध करेगा तो उसे दण्ड देने के वनिस्पत ऐसे स्थान में रखा जाएगा, जहां उसे अपने अपराध-अनुचित कार्य न करने की प्रेरणा और शिक्षा प्राप्त होगी। मैं अहिंसा के उज्ज्वल भविष्य के प्रति अत्यंत आशान्वित हूं, क्योंकि इसके समर्थन में एक व्यापक वातावरण निर्मित हुआ है। चारों ओर से यह आवाज उठ रही है कि अहिंसा का अधिक-सेअधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए । अणुव्रत आंदोलन अहिंसक तरीकों से स्वस्थ समाज-निर्माण का कार्य कर रहा है। नशाबंदी, मिलावट-निषेध एवं रिश्वत-निषेध-इन तीन दिशाओं में इस बार विशेष कार्य किये जाने का निर्णय किया गया है। इन तीनों कार्यक्रमों को सफलता मिलती है तो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के अभ्युदय को एक सुदृढ़ आधार प्राप्त होगा। आन्दोलन के कार्य में नई गति तो आएगी-ही-आएगी। आप से अपेक्षा है कि आप जीवन-विकासी इस कार्यक्रम के साथ जुड़ें, अवश्यमेव जुड़ें। डीडवाना १० फरवरी १९५८ महके अब मानव-मन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003136
Book TitleMaheke Ab Manav Man
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy