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• मैं तोड़-फोड़-मूलक हिंसात्मक प्रवृत्तियों में भाग नहीं लूंगा। ० मैं विवाह-सगाई के प्रसंग में रुपये आदि लेने का ठहराव नहीं
करूंगा। ० मैं धूम्रपान व मद्यपान नहीं करूंगा। ० मैं रेलादि से बिना टिकट यात्रा नहीं करूंगा।
ये नियम विद्यार्थियों को प्रारम्भ से ही सदाचार के ऐसे सांचे में ढालते हैं. जो उनके जीवन-विकास की दिशा में गति-प्रगति करने में प्रेरक सिद्ध होते हैं । उपस्थित विद्यार्थियों को आह्वान करता हूं कि वे इन नियमों को स्वीकार कर अपने जीवन-निर्माण की दिशा का उद्घाटन करें।
कानपुर २ सितम्बर १९५८
जीवन-निर्माण की दिशा का उद्घाटन
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