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किसने कहा मन चंचल है
दिन हमारी यात्रा संपन्न होगी, हम मजिल तक पहुंच जाएंगे, उस दिन हमारा यह अनुमान साक्षात् अनुभव में बदल जाएगा। जो आज आभासमात्र है, वह पूरा प्रत्यक्ष हो जाएगा । हम यात्रा करें। नीचे से ऊपर की ओर यात्रा करें। चेतना की ऊर्वयात्रा, ऊर्जा का ऊर्ध्वगामी प्रवाह, प्राण की ऊर्ध्वगति-ये लक्ष्य तक पहुंचने के माध्यम हैं ।
हमें यात्रापथ इस शरीर में ही चुनना होगा । हमारे इस दृश्य शरीर में दो केन्द्र हैं-ज्ञान केन्द्र और कामकेन्द्र । नाभि से ऊपर मस्तिष्क तक का स्थान ज्ञान केन्द्र है, चेतनाकेन्द्र है और नाभि से नीचे का स्थान कामकेन्द्र है। हमारी चेतना इन दो वृत्तियों के आसपास उलझी रहती है। जहां चेतना ज्यादा उलझी रहती है वहां चेतना का प्रवाह भी अधिक हो जाता है। ऊर्जा का मुख्य केन्द्र कामकेन्द्र है। सारी चेतना इसी के आसपास बिखरी हुई है । नाभि और जननेन्द्रिय-इसी के आसपास मनुष्य की चेतना और ऊर्जा बिखरी पड़ी है। ज्ञानकेन्द्र में ऊर्जा बहुत कम है, क्योंकि आज के मनुष्य की मौलिक वृत्ति है काम और इसलिए उसकी सारी चेतना, सारी ऊर्जा वहीं सिमटी पड़ी है। उसका ध्यान उधर ही ज्यादा जाता है। मानसशास्त्री कहते हैं-'मनुष्य में काम का जितना तनाव होता है उतना और किसी वृत्ति का नहीं होता । भय का तनाव कभी-कभी होता है । क्रोध का तनाव कभी-कभी होता है । ईर्ष्या और मान का तनाव कभी-कभी होता है। इसी प्रकार अन्य आवेगों का तनाव भी कभी-कभी होता है। किन्तु काम का तनाव सबसे ज्यादा होता है, सघन होता है। उसकी जड़ें बहुत गहरे में हैं।' इसी आधार पर यह कहा जा सकता है कि कृष्णलेश्या, नीललेश्या और कापोतलेश्या-इन तीन अप्रशस्त या अधर्म लेश्याओं का केन्द्र भी यही होना चाहिए और यथार्थ में यही है। हमारी प्रत्येक वृत्ति का केन्द्र इस स्थूल शरीर में अवश्य ही होगा । उसको अभिव्यक्ति का केन्द्र इसी शरीर में होगा । इन तीन अधर्म लेश्याओं की अभिव्यक्ति के केन्द्र कामकेन्द्र के बीच से अपान देश तक हैं । आर्तध्यान और रौद्रध्यान के केन्द्र भी ये ही हैं। जब चेतना यहां रहती है तब इष्ट का वियोग होने पर व्याकुलता उत्पन्न होती है। अनिष्ट का संयोग होने पर क्षोभ पैदा होता है। प्रियता, अप्रियता की अनुभूतियां उत्पन्न होती हैं । वेदना के आने पर व्याकुलता, वेदना को नष्ट करने की चेष्टाएं, क्रूरता, ईर्ष्या, घृणा-आदि के स्पंदन कामकेन्द्र के आसपास अनुभूत होते हैं । वे यहीं उभरते हैं। हमारे कामकेन्द्र
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