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________________ मानसिक शक्ति का विकास और उपयोग २४॥ वर्ती कर लेना, उन पर अपनी भावना को अंकित कर देना।। ____ हमारे शरीर में अरबों-खरबों न्यूरॉन हैं, जीवकोशिकाएं हैं । ये न्यूरॉन हमारी अनेक प्रवृत्तियों का नियमन करते हैं। ये नियामक हैं । जो संकल्प न्यूरॉन तक पहुंच जाता है वह सफल हो जाता है। न्यूरॉन बड़े-बड़े काम संपादित करते हैं। इनकी कार्य-प्रणाली को समझना बहुत ही कठिन है अरबों-खरबों की संख्या में ये ज्ञान-तंतु हमारे मस्तिष्क में बिखरे पड़े हैं। इनका मन की शक्ति के जागरण में बहुत बड़ा उपयोग है । प्राकृत चिकित्सा वाले कहते हैं कि कोष्ठबद्धता हो तो पहले स्थिर बैठकर ध्यानस्थ हो जाओ और ज्ञान-तंतुओं को सूचना दो कि शौच साफ हो रहा है, पेट साफ हो रहा है । ज्ञान-तंतु वैसा ही आचरण करने लग जाएंगे। मानसिक विकास के क्षेत्र में स्वतः सूचना या सूचनाओं का बहुत बड़ा महत्त्व है। सम्मोहन की प्रक्रिया भी आश्चर्यकारी है। इनकी पृष्ठभूमि में ज्ञानतंतुओं का ही चमत्कार है । इन ज्ञान-तन्तुओं में विचित्र क्षमताएं हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते । सम्मोहन का प्रयोग सूचना के आधार पर चलता है। सूचना के आधार पर शारीरिक अवयव भी उसी प्रकार काम करने लग जाते हैं । जब सूचनाओं के आधार पर ज्ञान-तन्तु काम करने में तत्पर रहते हैं तब हम उनसे लाभ क्यों नहीं उठाएं ? अपने-आप सूचना दें। पुराने को बदलने के लिए, नए को घटित करने के लिए सूचनाएं दें। उन तन्तुओं के साथ आत्मीयता स्थापित करें। आप जो होना चाहेंगे, वह अवस्था घटित होने लगेगी। परिणमन प्रारंभ हो जाएगा। मन की शक्ति का विकास होने लगेगा। मन की शक्ति के जागरण की यह एक प्रक्रिया है । इसे हम समझें । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003132
Book TitleKisne Kaha Man Chanchal Hain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1985
Total Pages342
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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