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तृतीय वर्ग/ १९५
४. पाप
भेट
तृतीय वर्ग १. तत्त्व के नौ प्रकार हैं१. जीव
७. निर्जरा २. अजीव
५. आश्रव ८. बंध ३. पुण्य
६. संवर ९. मोक्ष २. जीव के चौदह प्रकार हैं
सूक्ष्म एकेन्द्रिय के दो भेद - १. अपर्याप्त २. पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय के दो भेद ३. अपर्याप्त ४. पर्याप्त द्वीन्द्रिय के दो भेद
५. अपर्याप्त ६. पर्याप्त त्रीन्द्रिय के दो भेद - ७. अपर्याप्त ___८. पर्याप्त चतुरिन्द्रिय के दो भेद - ९. अपर्याप्त १०. पर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय के दो भेद - ११. अपर्याप्त १२. पर्याप्त
संज्ञी पंचेन्द्रिय के दो भेद - १३. अपर्याप्त १४. पर्याप्त ३. अजीव के चौदह प्रकार हैं
धर्मास्तिकाय के तीन भेद - १. स्कन्ध २. देश ३. प्रदेश अधर्मास्तिकाय के तीन भेद - ४. स्कन्ध ५. देश ६. प्रदेश आकाशास्तिकाय के तीन भेद- ७. स्कन्ध ८. देश ९. प्रदेश काल का एक भेद - १०. काल पुद्गलास्तिकाय के चार भेद - ११. स्कन्ध १२. देश,
१३. प्रदेश १४. परमाणु ४. पुण्य के नौ प्रकार हैं१: अन्न
४. शयन ७. वचन २. पान
८. काय ३. लयन
६. मन
९. नमस्कार ५. पाप के अठारह प्रकार हैं
१. प्राणातिपात ३. अदत्तादान ५. परिग्रह २. मृषावाद ४. मैथुन ६. क्रोध
५. वस्त्र
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