________________
वे स्वयं ही यदि उसके सामने बीड़ी पीयें, गुस्सा करें, तो उनमें क्या संस्कार डाल सकेंगे ? वे इस सचाई को हृदयंगम करें कि केवल किताबी शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है, वास्तविक शिक्षा तो जीवन से मिलती है । अतः अध्यापकों को अपने जीवन को उच्च बनाना होगा। तभी वे योग्य शिक्षक बन सकते हैं। मैं मानता हूं, यदि इतना हुआ तो फिर विद्यार्थियों को उपदेश देने की विशेष आवश्यकता नहीं होगी, उनका जीवन स्वयं तदनुरूप हो जायेगा।
बचपन को संवारें
१५१
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org