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मानवता और धार्मिकता का तकाजा यही है कि तुम अपनी नैतिकता, प्रामाणिकता को कभी मत गंवाओ। सत्य को मत भूलो । सत्य-सहिंसा के अतिरिक्त और जीवन है ही क्या। अणुव्रत आन्दोलन यही संदेश जन-जन को सुनाता है। हजारों-हजारों लोगों ने इसके संदेश को हृदयंगम कर अपने जीवन को संवारा है। तुम इसके संदेश को आत्मसात् कर अपने जीवन में सुख-शान्ति का स्रोत बहाओ।
सुख-दुःख का आधार
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