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नहीं। ऐसे समाज-सेवकों से समाज-कल्याण और राष्ट्र-निर्माण की क्या अपेक्षा की जा सकती है। अणुव्रत चिकित्सा है
जीवन को सही दिशा देने के लिए समाज-सेवक अणुव्रत को अपनाएं । अणुव्रत स्वस्थ समाज-निर्माण का संकल्प है। अणुव्रत का लक्ष्य और प्रयत्न है कि समाज के जिस क्षेत्र में जो बुराई प्रविष्ट हो गई है, उसे व्यक्ति की संयम और संकल्प-चेतना को जगाकर दूर किया जाए। दूसरे शब्दों में कहूं तो यह एक चिकित्सा है। आप जानते हैं कि रोगों को मिटाने और स्वस्थता प्रदान करने लिए आयुर्वैदिक, ऐलोपैथिक, प्राकृतिक आदि अनेक चिकित्सा-पद्धतियां काम कर रही हैं। कहीं-कहीं सूर्य की किरणों एवं प्रार्थना से भी चिकित्सा की जाती है। इस क्रम में अणुव्रत की चिकित्सा अपने-आप में विचक्षण है, अद्भुत है । क्यों ? इसलिए कि वह व्यक्ति-व्यक्ति में व्याप्त बुराइयों एवं अनैतिकता की चिकित्सा कर समाज को स्वस्थता प्रदान करता है । मैं आशा करता हूं कि आप अणुव्रत की आचार-संहिता को अपनाने में उत्साह का प्रदर्शन करेंगे। यह न केवल आपके जीवन के लिए वरदायी बनेगा, स्वस्थ समाज और उन्नत राष्ट्र-निर्माण के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में भी अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
समाज-कल्याण की प्रक्रिया
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