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__ मनुष्य यह सोचे कि गत वर्ष मैंने किसी के साथ मन-वचन-काया से जान या अनजान में कोई कटु व्यवहार तो नहीं किया ? उसकी आत्मा उसे अपने-आप जवाब देगी। अगर ऐसा हुआ हो तो वह अन्तर् की सम्पूर्ण निर्मलता एवं ऋजुता के साथ प्रतिपक्षी से कहे कि मेरी भूल के लिए आप मुझे क्षमा करें। मैं भी आपको क्षमा करता हूं।
इन खाइयों को पाटा जाए
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