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अध्यात्म और विज्ञान न्यूरोन-कनेक्शन निष्क्रिय पड़े है। यदि उनका ठीक से समायोजन किया जा सके तो मनुष्य कितनी क्षमता प्राप्त कर सकता है, उसकी कल्पना हमें सहज ही हो सकती है।
(२) प्राण-शक्ति का आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक महत्त्व शरीर-शास्त्र
शरीर-शास्त्री नाड़ियों को जानता है, नाड़ी-संस्थान को जानता है, ग्रंथियों को जानता है, शरीर के एक-एक अवयव को जानता है, छोटी-से-छोटी धमनी को जानता है, रक्त के प्रवाह को जानता है, रक्त संचार को जानता है और रक्त के द्वारा होने वाली क्रियाओं को जानता है।
एक मशीन है--बहुत विलक्षण है। एक साथ २५० फोटो लेती है शरीर का। एक्स-रे के सामने आदमी खड़ा होता है, एक फोटो आता है। उस मशीन से २५० फोटो आते हैं। और छोटी-से-छोटी शिरा का फोटो उसमें अंकित हो जाता है। एक मशीन और है जो रक्त की जितनी क्रियाएं, जितने फंक्शन होते हैं, उन सारे कार्यों का विश्लेषण कर देती है। आज का डॉक्टर इतना विलक्षण काम करके दिखाता है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इतना जान लेने पर भी, समूचे शरीर को चीर-फाड़कर एक-एक अवयव सामने रख देने पर भी क्या शरीर के पूरे रहस्यों को जान लिया गया? नहीं जाना जा सका। आज के एनोटॉमी और फिजिओलॉजी के बड़े-बड़े विद्वान् और मर्मवत्ता कहते हैं कि अभी तक मस्तिष्क के रहस्यों को नहीं जाना जा सका है। हजारवां भाग भी नहीं जाना जा सका है। लघु मस्तिष्क इतने रहस्यों से भरा है कि उसको हम पूर्ण रूप में अभी तक नहीं जान पाए हैं। पिनियल, पिच्यूटरी ग्लैण्ड के रहस्यों को पूरा नहीं जाना जा सका है। नाड़ी-तंत्र और ग्रंथि-तंत्र में इतने रहस्य हैं कि आज भी उनका कोई पता नहीं चलता।
डॉक्टर लोग जानते हैं, शरीरशास्त्री जानते हैं कि एड्रीनल ग्रंथि का अधिक स्राव होने से उत्तेजना बढ़ जाएगी, गुस्सा बढ़ जाएगा, वासना बढ़ जाएगी और वृत्तियां उभर जाएंगी। इस बात का पता है उनको, किन्तु इनके स्राव को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, पिनियल और पिच्यूटरी के स्राव को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, थाइराइड के स्राव पर कैसे कंट्रोल किया जा सकता है, वे नहीं जानते। योग के आचार्यों ने शरीर के बारे में इतनी सूक्ष्म खोजें की थीं, अध्यात्म के आचार्यों ने इस शरीर को इतनी गहराई के साथ पढ़ा था कि उन्होंने जिन रहस्यों का उद्घाटन किया वे रहस्य आज भी शरीरशास्त्र के माध्यम से उद्घाटित नहीं हो पा रहे हैं। सूक्ष्म का साक्षात्कार
हम व्यक्त अवस्थाओं को पकड़ते हैं, स्थूल रूपान्तरणों को जानते हैं।
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