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________________ विज्ञान के संदर्भ में जैन जीवन-शैली २०३ एक रूसी विज्ञानवेक्ता प्रो. एस. बी. कोदाफ ने कई बार अपने प्रयोगों में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद यह परिणाम निकाला है कि संगीत द्वारा आंखों का इलाज किया जा सकता है और जिन आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होती जाती है उसमें संगीत द्वारा इलाज करके लगभग २५ प्रतिशत सुधार आसानी से किया जा सकता । उक्त वैज्ञानिक ने प्रयोग करके देखा है कि जो घड़ियां घंटा बजाती है, उनके संगीतमय स्वर से ही आंखों पर काफी प्रभाव पड़ जाता है । इस प्रसंग में रूस की अपेक्षा अमेरिका के प्रयोग तो और भी आर्श्यजनक हैं। शिकागो के पागलखाने में विश्व प्रसिद्ध पियानोवादक मो. वोगुस्लावस्की ने कई बार अनोखे प्रयोग किए। उस पागलखाने में एक नवप्रसूता इटालियन युवती भरती हुई थी । वह अपने बच्चे से भी भयंकर घृणा करती थी । वोगुस्लावस्की ने पागलखाने में उसे ग्राफ संगीत सुनाया तो न केवल यह अपने बच्चे को ही चाहने लगी अपितु बिलकुल स्वस्थ हो गई । न्यूयार्क में विलेन अस्पताल के डॉ. एस. एम. बेंडर ने स्वभावतः उत्पाती बच्चों के उपद्रवों को छुड़ाने का साधन संगीत खोज निकाला है। ब्रुकलिन के नेत्र और कान अस्पताल के चिकित्सक डॉ. ए. एफ. बर्डमैन ने चीर-फाड़ के समय रोगियों के कान में ईयरफोन लगाकर ऑपरेशन में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की है । फ्रांस एवं अमेरिका की स्वास्थ्य औषध प्रयोगशालाओं में अब तो सैकड़ों विज्ञानवेता संगीत की भावी उपयोगिताओं को लेकर अनेकविध अनुसंधान कर रहे हैं। एक जर्मन औषध - विशेषज्ञ ने तो सुप्रसिद्ध अंग्रेजी औषध अनुसन्धान-पत्र 'लेसेट' में स्पष्ट लिखा है- संगीत में इतनी बड़ी संभावनाएं दिखाई पड़ती हैं कि वह समय आने में बहुत देर नहीं जब रोगियों को देखने के लिए स्टेथेस्कोप और दवाइयों के बक्स के साथ-साथ डॉक्टरों को कुछ मधुर संगीत के रिकार्ड भी अपने पास रखने पड़ेंगे। संगीत का प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं, पशुओं पर भी पड़ता है I स्वीडन तथा रूस के कुछ डेरी फार्मों में प्रयोग करके देखा गया कि संगीत से गायें अधिक दूध देने लगती हैं; बल्कि आज तो यह भी खोज लिया गया है कि संगीत से पेड़-पौधे भी प्रभावित होते हैं। मंत्रों के प्रभाव से पौधे जल्दी फूलते - फलते हैं । नागपुर के पास खाकरी नामक गांव में कृषि में मंत्रों के प्रभाव पर प्रयोग हो रहे है । उनके कुछ परिणाम सामने आए हैं । रासायनिक खाद वाले क्षेत्र में जहां १६ किलो ककड़ी और ३५ किलो बैंगन पैदा हुए वहां अभिमंत्रित जल से सींचे जाने वाले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
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