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जैन दर्शन और विज्ञान ध्वनि-प्रदूषण के दुष्प्रभाव
ध्वनि-प्रदूषण का मनुष्य के शरीर पर विविध रूपों में प्रभाव होता है। वैज्ञानिकों ने इस बात की सूक्ष्मता से खोज की है कि इससे आदमी न केवल बहरा ही हो सकता है अपितु उसकी स्मृति भी क्षीण हो सकती है। बल्कि उसका स्नायु-तंत्र भी विघटित हो सकता है। शहरों तथा कल-कारखानों के आस-पास रहने वाले लोगों पर अनुसंधान करने से अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. रोबर्ट ने आज के ७० वर्ष पहले कहा था-"एक दिन आयेगा जब हमें मनुष्य के स्वास्थ्य के सबसे बड़े शत्रु के रूप में कोलाहाल से संघर्ष करना पड़ेगा।" लगता है सचमुच आज वह क्षण नजदीक आ रहा है।
ध्वनि से सभी परिचित हैं। यह वही ध्वनि है जिसके बढ़ जाने से व्यक्ति पागल हो सकता है, पाचनशक्ति बिगड़ सकती है, रक्तचाप बढ़ सकता है, हृदयरोगी की जान खतरे में पड़ सकती है। ध्वनि की तीव्रता (शोर) के विरुद्ध विश्व भर में एक मुहिम चल रही है। सभी देश शोर के खिलाफ कमर कसे हुए है। परन्तु इसका आशय यह नहीं कि ध्वनि सिर्फ नुकसान ही पहुंचाती है। आधुनिक विज्ञान ने इसी ध्वनि का चिकित्सा के क्षेत्र में सफलतापूर्वक उपयोग करना सीख लिया है।
ध्वनि दो प्रकार की होती है। एक श्रव्य, जिसे हम सुन सकते हैं। दूसरी पराश्रव्य, जिस हम सुन नहीं सकते। पराश्रव्य ध्वनि-तरंगों की आवृति अधिक होने से वह हमें सुनाई नहीं पड़ती। पराश्रव्य ध्वनि-तरंगों का चिकित्सा के क्षेत्र में सर्वप्रथम उपयोग स्वीडन के डॉ. लेकसैल ने किया था। लेकसैल ने मस्तिष्क में रसौली आदि का पता लगाने के लिए पराश्रव्य ध्वनि का सफलतापूर्वक सहारा लिया था। आज भी लैकसैल विधि से मस्तिष्क की अन्दरूनी खराबी का पता लगाया जाता है। मस्तिष्क में जासूसी
___पराश्रव्य तरंगों से मस्तिष्क के भीतरी हिस्से का ग्राफ (रेखाचित्र) बनाया जा सकता है। मस्तिष्क के अंदरूनी भाग का कच्चा चिट्ठा होता है यह ग्राफ। यदि मस्तिष्क में कहीं रसौली या फोड़ा आदि हो तो यह पराश्रव्य तरंगों की निगाहों से छिप नहीं सकता। तरंगें उसका अता-पता व स्थिति ग्राफ के जरिए बना देती हैं।
आंख जैसे नाजुक अंग के ऑपरेशन में अब तक चिकित्सकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लैंस व ऐंटीना जैसे महत्त्वपूर्ण भागों में पराश्रव्य ध्वनि अब वे सब काम करने में सक्षम है जो पहले छुरी-कांटों के बल पर किया जाता था। लैंस के साधारण ऑपरेशन में जहां पहले कई सप्ताह या
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