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जैन दर्शन और परामनोविज्ञान
१३५ उसकी ओर ध्यान गया। १९७१ में न्यूयार्क विश्वविद्यालय के एक विज्ञानी डॉ. एड्रिजा पुहारिख यह जानने के लिए कि गैलर में ये क्षमताएं वास्तव में हैं अथवा वह एक बहुत ही चतुर तमाशेबाज है, उसका अध्ययन करने इजरायल गये। यहां आपने जो कुछ देखा, उसमें ऊरी गैलर द्वारा चम्मचों के सिरे उड़ा देना, कांटों एवं छरियों को मोड़ देना, सोने की अंगूठियों और चैनों को तोड़ देना व चालू या बंद कर देना आदि अनेक करतब सम्मिलित थे। यही नहीं, डॉ. पुहारिख का दावा तो यहां तक है कि उन्होंने गैलर द्वारा वस्तु के विसर्जन व पुन:निर्माण आदि के प्रदर्शन भी देखे हैं। इसी वर्ष दिसम्बर में जब वे गैलर के साथ सिनाई रेगिस्तान में थे तो अपने मूबी कैमरे के धूल से बार-बार मैले होने से परेशान हो रहे थे। पुहारिख अपने कैमरे का केस न्यूयार्क में ही भूल आये थे। अगले दिन सुबह साढ़े पांच बजे गैलर ने उनको फोन किया और कहा कि उसके बिस्तर पर एक कैमरे का केस पड़ा है, कहीं वह उन्हीं का ही तो नहीं है। पहारिख ने गैलर को अपने केस का विवरण देते हुए बतलाया कि उसके अन्दर का कुछ हिस्सा फटा हुआ है। गैलर ने उत्तर दिया कि वह केस भी ऐसा ही है। छ: हजार मील दूर से इतनी जल्दी केस मंगवाने का कोई तरीका पुहारिख की समझ में नही आया और उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि गैलर में ‘दूर-परिवहन' (टैली-ट्रान्सपोर्टेशन) की क्षमता है।
१९७२ में गैलर ने म्यूनिख की सड़कों पर एक रात आंखों को पूरी तरह ढक कर कार चलाई और अनेक शंकाल व्यक्तियों के आभूषणों को बिना छए तोड़-मोड़ कर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया। गैलर ने म्यूनिख में चार दिन तक अपने करतब दिखाए। इनके बारे में मैक्सप्लेन्क इंस्टीट्यूट फॉर प्लाज्मा फिजिक्स के डाक्टर फ्रिडबर्ट कारगर ने कहा : “इस व्यक्ति की शक्तियां अत्यंत विलक्षण हैं। इनकी सैद्धांतिक भौतिकी द्वारा अभी कोई व्याख्या नहीं की जा सकती है।"
१९७२ में ही बाद में गैलर ने अमेरिका के राष्ट्रीय दूरदर्शन पर कुछ चुने हुए व्यक्तियों, जिनमें कई विज्ञानी भी थे, के समक्ष अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। दर्शकों में तीव्र एवं मिश्रित प्रतिक्रियाएं हुई। कुछ लोग पूर्णत: विश्वासी बन गये, तो कुछ लोग अविश्वास के साथ अड़े रहे। आलोचकों ने कहा कि जो कुछ ऊरी गैलर कर सकता है वह कोई अच्छा तमाशेबाज भी कर सकता है। कहते हैं कि जेम्सरेंडी नामक एक विख्यात जादूगर ने कुछ करतब दोहरा दिये थे किन्तु गेलर के सभी करिश्मे वह भी नहीं दोहरा सका था। गैलर पूरे अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अपने प्रदर्शन दिखलाता रहा। न्यूयार्क में एक प्रदर्शन में इंग्लैण्ड के डॉ. बास्टिन भी उपस्थित थे। आपकी जेब में जौहरियों द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले छोटे-छोटे पेचकसों का एक डिब्बा रखा हुआ था, ऊरी गैलर ने बिना यह जानते हुए कि डॉ. बास्टिन की
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