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जैन दर्शन और विज्ञान अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण सम्बन्धी शोध अनेक कारणों से महत्त्वपूर्ण है: प्रथम तो अनेक अन्य परासामान्य प्रघटनाओं को समझने में यह शोध सहायक सिद्ध हो सकता है, यथामाध्यमों द्वारा कथित प्रेतात्माओं के संदेश, कथित पूर्वजन्म की स्मृतियां व भूत-प्रेतों सम्बन्धी अनेक घटनाओं की वैकल्पिक व्याख्या अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण शक्ति के आधार पर करने का प्रयास किये हैं। दूसरे, अंतरिक्ष में संचार-संप्रेषण की जो कठिनाइयां दूरी के अनुपात में बढ़ती जाती हैं, उन्हें हल करने में इनका सहयोग हो सकता है । इनके अतिरिक्त जीवन के अनेक विविध क्षेत्रों जैसे लापता व्यक्तियों व अपराधियों की खोज तथा जासूसी आदि में भी संभवत: इन शोधकार्यों से महत्त्वपूर्ण योगदान मिल सके। वैसे यदि किसी दिन अतीन्द्रिय बोध क्षमता को पूर्णत: नियंत्रण में लाया जा सका, तो कदाचित् विश्व में ऐसी क्रांति आ जायेगी, जो पहले कभी किसी खोज द्वारा नहीं आ सकी है।
अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण के चार स्वरूप होते हैं : परचित्तबोध (टैलीपैथी), दूरदृष्टि (क्लेयरवायेन्स), पूर्वाभास (प्रीकॉग्नीशन) व भूता-भास रिट्रोकॉग्नीशन)।
कभी-कभी प्राप्त बोध का स्वरूप निश्चित करता कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में उसे सामान्य अतीन्द्रिय बोध (जनरल एक्स्ट्रा-सैंसरी परसैप्शन) कहा जाता है।
अतीन्द्रिय बोध की घटनाएं स्वत: स्फूर्त भी हो सकती हैं और प्रयोगों अथवा अन्य प्रकार से सप्रयास उत्पन्न भी की जा सकती हैं। दोनों ही प्रकारों का परामनोवैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किया गया है।
विश्वभर की विभिन्न परामनोवैज्ञानिक शोध-संस्थाओं ने हजारों ही स्वत: स्फूर्त प्रकरणों के, खूब अच्छी तरह छानबीन करके, विवरण अपने प्रकाशनों में प्रस्तुत किये हैं।
. अतीन्द्रिय बोध के अनुभव प्राय: किसी संकट (मृत्यु, बीमारी, आर्थिक हानि आदि) से संबंधित होते हैं, लेकिन कई बार बहुत मामूली बातों से सम्बन्धित भी पाये गये है। ये अनुभव पूर्ण जाग्रत अवस्था, अर्द्ध-जागृत, अर्द्ध-निद्रित अवस्था में व पूर्ण निद्रा अवस्था, सभी प्रकार की अवस्थाओं में होते हैं। कभी ये मात्र आंतरिक हल्के से अहसास के रूप में तो कभी तीव्र संवेदना के रूप में अभिव्यक्त होते है। कई बार जागृत व्यक्ति को ये मतिविभ्रम के रूप में भी अनुभूत होते हैं। स्वप्नों में तो ये प्राय: प्रकट होते ही हैं।
१. अपोलो १४ में गए अंतरिक्ष यात्री मिशेल ने अंतरिक्ष से पृथ्वी के बीच अतीन्द्रिय बोध
सम्बन्धी कुछ प्रयोग किए थे।
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