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________________ (उन्नीस) ७. चिद् का आनन्द यथार्थ है । इसकी प्राप्ति का उपाय। ८. आत्म-साक्षात्कार कब? १. अतीन्द्रियज्ञान कब? १०. एक वर्ष के संयमी जीवन की महान् फलश्रुति। ११. सबाध और निर्बाध सुख क्या है ? १२-१४. मुक्त आत्माओं के सुख की तुलना । १५-१७. आनन्द की अवाच्यता। १८. अनिर्वचनीय भाव असीम । बुद्धि ससीम । १६. दो प्रकार के पदार्थ-तर्कगम्य और अतर्कगम्य । २०. तर्क की सीमा। २१. सम्यग्दृष्टि २२. अतीन्द्रिय पदार्थों के दो साधन-आगम और तर्क। . २३. सहजानन्द की स्फुरणा के बाधक तत्त्व। २४-२८. आत्मिक आनन्द के आवारक तत्त्व । २६-३०. महावीर द्वारा साक्षात् अनुभूति का कथन । अध्याय ५ साधन-बोध (श्लोक ३९) ६२-११४ १. मोक्ष-सुख के साधनों की जिज्ञासा। २. धर्म के दो लक्षणों का निरूपण । अहिंसा का साधक कौन? ३. हिंसा कौन करता है, कोन नहीं ? ४-७. अहिंसक के स्वरूप का प्रतिपादन । ८. अहिंसा में अभय की अनिवार्यता। ६. भय और अभय किसको? १०. डरो मत-एक प्रश्न। ११. अहिंसा और अभय का सहावस्थान । १२. अहिंसा और भय का अनवस्थान । १३. अहिंसक कौन। १४. अभय कौन? १५. अहिंसा को साधने के सूत्र । १६. अहिंसा का प्रयोजन-स्वरूप का संरक्षण । १७. हिंसा और आसक्ति क्या है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003124
Book TitleSambodhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1981
Total Pages510
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size19 MB
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