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इन्हीं पांच प्रकार के आचार प्रकल्पों का विस्तृत वर्णन समवायांग सूत्र में निम्न प्रकार से उपलब्ध होता है, जैसे
"अट्ठावीसविहे आयारपकप्पे पन्नत्ते तंजहा-मासियाआरोवणा, सपंचराइमासिा आरोवणा, सदसराइमासिया आरोवणा, (सपण्णरसराइ मासिया आरोवणा, सवीसइराइ मासिआ अारोवणा सपंचवीसराइ मासिया आरोवणा) एवं चेत्र दोमासिया आरोवणा, सपंचराइदो मासिया आरोवणा, एवं तिमासिा आरोवणा, चउमासिया आरोवणा, उग्घाइया आरोवणा, अणुग्घाइया आरोवणा, कसिणा आरोवणा, अकसिणा आरोदणा, एतावता आयारपकप्पे, एतावता व पायरियव्वे ।"
अर्थात-'अट्ठाईस प्रकार का प्राचार-प्रकल्प कहा है, जैसेमासिक प्रारोपणा, पंचरात्र्यधिक मासिकारोपणा, दशरात्यधिक मासिकारोपणा, पंचदशरात्यधिक मासिकारोपणा, विंशतिरात्यधिक मासिकारोपणा, पंचविंशतिरात्यधिक मासिकारोपणा, इसी प्रकार द्विमासिकारोपणा, पंचरात्र्यधिक द्विमासिकारोपणा, दशरात्र्यधिक द्विमासिकारोपणा, पंचदशरात्र्यधिक द्विमासिकारोपणा, विंशतिरात्यधिक द्विमासिकारोपणा, पंचविंशतिरात्यधिक द्विमासिकारोपणा, ऐसे ही त्रिमासिकारोपणा, पंचरात्र्यधिक त्रिमासिकारोपणा, दशरात्यधिक त्रिमासिकारोपणा, पंचदशरात्यधिक त्रिमासिकारोपणा, विंशतिरात्यधिक त्रिमासिकारोपणा, पंचविंशतिरात्र्यधिक त्रिमासिकारोपणा, चातुर्मासिकारोपणा, पंचरात्र्यधिक चातुर्मासिकारोपणा, दशरात्यधिक चातुर्मासिकारोपणा, पंचदश रात्र्यधिक चातुर्मासिका रोपणा, विशतिरात्यधिक चातुर्मासिकारोपणा, पंचविंशतिरात्यधिक चातुर्मासिकारोपणा, उद्घातितारोपणा, अनुद्धातितारोपणा, कृत्स्नारोपणा (संपूर्णा) अकृत्स्नारोपणा (झोषितारोपणा), यहां तक आचार-प्रकल्प है और यहां तक ही प्राचार प्रकल्प आचरणीय है।
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