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है, हम गए उस समय उस पर पीले फूल लगे हुए थे, यह बात सं० १९८३ की है और सं० १६६७ में जब गए तब लता फूल का नाम निशान नहीं था ।
सं० १९८२-१९८३ तक औरिसा से अचलगढ जाते बीच में आने वाले खेतों के चारों तरफ लगे हुए बड़े बड़े गुलाब बाड़ का काम करते थे, पर अब गुलाब का नाम शेष है, इसका कारण आबू पर जल वृष्टि का कम होना है ।
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