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ऊपर से दूसरी और तीसरी पंक्तियों के सिरों पर गुम्बज के आकार के शिखर बने हैं।
चतुर्विशति पट्टक २ इस पट्टक में जिन-बिम्बों का क्रम ऊपर से नीचे की तरफ क्रमशः १-३-६-६ और ८ का है, पहले बिम्ब पर कलशाकृति, दूसरे के दो शिरों पर कलशाकृतियाँ, तीसरे के बाह्य भागों में श्री वत्स करके उनके ऊपर कलशाकृतियों बनाई हैं, ४ थी के ऊपर ३ के श्री वत्स और कलश आये हैं, इन पट्टकों की मूर्तियों का नाप १७० पट्टक की मूर्तियों के बराबर है ।
त्रिचतुर्विशति पट्टक ३ नीचे पांच हाथियों जोड़े, जो एक दूसरे की सूंड से सूंड भराए हुए हैं, इन हाथियों की ऊंचाई सात सात इंच की है, इनके ऊपर ग्यारह-ग्यारह जिन बिम्बों की ४ पंक्तियाँ हैं, उनके ऊपर मध्य भाग में २-२ इन्च परिमाण सिंहासन-मूर्ति-परिकर मिलकर है, अकेली मूर्ति ११ इंच की मसूरक सहित है, सिंहासन पौने पाँच इंच और मूर्ति के ऊपर सात इन्च में परिकर है, मूर्ति के दोनों तरफ चमरधर और उनके ऊपर २ बैठी मूर्तियाँ हैं, ये सब पीले पत्थर में खुदे हुए हैं, मध्य मूर्ति के दोनों तरफ क्रमशः ४-४, ३-३, २-२, १-१ की पंक्तियां हैं, मूल मूर्ति के ऊपर तीन मूर्तियाँ और ऊपर शिखर है, इनके दाएं बाएं एक-एक मूर्ति और इनके ऊपर भी एक-एक मूर्ति और शिखर हैं । २-२ मूर्तियों की पंक्तियों के बाह्य मूर्ति पर १-१ शिखर है । ३-३ की पंक्तियों को बाह्य मूर्तियों पर भी १-१ शिखर है।
पट्टक नीचे से ५ फुट, १ इञ्च चौड़ा और ४ इञ्च मोटा है, ऊंचा सात फुट तीन इञ्च परिमित है, इसकी खुदाई डेढ इञ्च की है और बिम्बों की ऊंचाई सवा छ: इञ्च की है।
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