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टुकड़ा एक, सात से १० तक का टुकड़ा दूसरा, ग्यारह से १३ तक का टुकड़ा तीसरा है, इस प्रकार पट्टक तीन भागों में पूरा होता है, बीच में १३ इञ्च का जिन बिम्ब है, दाएं बाएं दो टुकड़े हैं जिनमें प्रत्येक में तीन पंक्तियाँ और १५ बिम्ब है, एक-एक पंक्ति में पाँचपाँच जिन बिम्ब है, १४ से १७ तक का टुकड़ा चौथा है, इसमें चार पंक्तियाँ है और प्रत्येक में १३-१३ बिम्ब है, बोच के बड़े बिम्ब के ऊपर १० पंक्तियाँ हैं और नीचे ४ पंक्तियाँ हैं, तीन पंक्तियाँ बड़े बिम्ब के दाएँ बाएँ हैं, कुल पंक्तियां नीचे से ऊपर तक १७ हैं दाएं बाएं पंक्तियां नीचे १३ और ऊपर १ मूर्ति की है।
प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई मसूरक से छत्र तक की ५ इञ्च तक की है, ऊपर के बिम्ब के मसूरक के नीचे और नीचे के छत्र का ऊपर का भाग लगभग पौने इञ्च का है, दो मूर्तियों के बीच में लगभग आध इञ्च के गोल स्तम्भ बने हुए हैं, स्तम्भों के ऊपर के शिरों से (बिम्ब के नासिका के अग्रभाग बराबर से) दोनों तरफ कमाने सी खींचकर छत्र के दोनों पाश्वों से मिलायी है, मूलनायक की बड़ी मूर्ति के ऊपर की पंक्ति में मस्तक के ऊपर का खाना, मूर्ति बिना का खाली है, मसूरक और छत्र तथा छत्र और मूर्ति के बीच अन्तर बाद किया जाय तो मूर्ति परिमाण ऊंचाई में ३ इञ्च के लगभग आता है, मसूरक का मान इंच १ छत्र का अन्तराल कहीं आधा इंच, कहीं कम है, छत्र भी कहीं आधा इञ्च कहीं कम है।
पट्टक के चारों तरफ दो दो इंच की पट्टी छोड़ी गई है, खुदाई गहरी एक इञ्च की है और शिला की मोटाई ४ इंच की है, मूर्तियों पर लांछन नहीं है, पर मसूरकों पर खुदाई की कुछ रेखाएं दीखती हैं।
चतुर्विशति पट्टक १ ऊपर मूर्तियाँ तीन, उसके नीचे छः, छ: के नीचे सात और सात के नीचे आठ बिम्ब है, कुल संख्या २४ है ।
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