________________
३२१ विमल वसति में कुल ५४ देहरियाँ हैं, इनमें से देहरी नं. ५०, ५१, ५२, ५३, और ५४ के ऊपर लेख नहीं है, इन देहरियों में प्रतिष्ठित प्रतिमा, सिंहासन, प्राचार्य मूर्ति विगैरह पर लेख हैं, इन ५४ देहरियों में अम्बा देवी की देहरी और मुनि सुव्रत वाला दीवानखाना भी शामिल है।
देहरी नं. २० में अनेक प्रतिमाएँ और पट्टक हैं, साधुओं की और गृहस्थों की मूर्तियाँ भी हैं, मुनि सुव्रत की श्याम विशाल मूर्ति है, यह देहरी दूसरी देहरियों के माफिक नहीं बल्कि प्रतिमाओं का दीवानखाना है। विमल वसति की देहरियां और उनमें रहे हुए पट्ट आदि
विमल वसति में कुल ५४ देहरियाँ है, जिनमें मुनि सुव्रत जी वाला बड़ा दीवानखाना और अम्बा देवी की देहरी भी शामिल हैं, प्रदक्षिणा क्रम से गिनते तीसरे नम्बर की देहरी में बाई तरफ एक चतुर्विशति पट्ट लगा हुआ है, देहरी नं. १० में दाहिनी तरफ एक त्रिचतुर्विंशति पट्टक लगा हुआ है, देहरी नं. २० जो दीवानखाने के रूप में है, इसमें बांई तरफ एक सप्ततिशतजिन पट्टक बना हुआ है, इस २० नम्बर के दीवानखाने में सन्मुखभित्ति पर तीन चतुर्विंशति पट्टक लगे हुए हैं, देहरी नं. २५ वीं में बाईं तरफ एक चतुर्विंशति पट्टक लगा हुआ है, देहरी नं. ४६ में बाई भीत पर एक चतुर्विंशति पट्ट है।
पट्टकों का स्वरूप वर्णन ___ ऊपर जिस सप्ततिशत पट्टक का निर्देश कर आये हैं, वह ऊंचाई में ८१ इञ्च और विस्तार में इञ्च ४३ परिमाण है, इस पट्ट के उपरिभाग में मूर्ति एक, उसके नीचे तीन, तीन के नीचे पांच, पांच के नीचे सात, सात के नीचे नौ, नौ के नीचे ११, ११ के नीचे १३ फिर १३ और फिर १३ उसके नीचे १२ उसके नीचे १०-१० और १०, इनके बीच में १३ इंच की मूर्ति एक, फिर उसके नीचे १३-१३ मूर्तियों की चार लाइनें, कुल मूर्तियाँ १७०, एक से छ: तक का पत्थर का
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org