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शाकटायन-व्याकरण
मू० ले० शाकटायन श्री अभयचन्द्र सूरि प्रणीत संग्रह
शाकटायन व्याकरण के कुल चार अध्याय हैं, प्रत्येक अध्याय में चार चार पाद हैं, जिनमें सूत्र संख्या नीचे लिखे क्रमानुसार हैप्रथम अध्याय के प्रथम पाद के--१८० ,
द्वितीय ,,,--२२३ " , तृतीय , --१६५
चतुर्थ , ,-१२३
द्वितीय अध्याय के प्र० पा० के--२२६
, द्वि० , -१७२ , , , तृ० , ,--११३ " " ,च० " ,--२३६
७५३ तृतीय अध्याय के प्र० पा० के--२०१ ___ , , द्वि० , ,,--२२७ __ " " " तृ० ॥ --१८१
" , " च०, ,,--१४६
७५५
चतुर्थ अध्याय के प्रथम पाद के--२७१
, , , द्वितीय ,,--२६१ " , , तृतीय , ,--२८६ " " , चतुर्थ ,,--१८६
१००७ तमाम टोटल=३२३६ सूत्र ।
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