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निबन्ध-निचय
सत्तासमय विक्रम की अष्टम शती के बाद और दशवीं शती के पहले होना चाहिए । प्रस्तुत भाष्य के पुस्तक के टाइटल पेज के पास ही इनका फोटु दिया है जिस पर इनका उद्भव काल ८४५ बताया है । फोटो पर का संस्कृत लेख नीचे उद्धृत किया जाता है—
"अथैतेषां श्रीमच्छंकरभगवत्पादानां प्रादुर्भाव समय: कलिगताब्दाः ३८, ८६ वैक्रमः संवत् ८४५ निर्णीतमिदं शंकरमन्दारमन्दरसौरभे—
"प्रासूत तिष्यशरदामतियातवत्यामेकादशाधिकशतोनचतुः सहस्याम् ||"
ऊपर के लेख से यह निश्चित हो जाता है कि "शंकराचार्य का जन्म नवमी शताब्दी के पूर्वार्ध में हुआ और प्रस्तुत भाष्य तथा अन्यान्य ग्रन्थ रचनाएँ विक्रम की नवमी शती के अन्त में हुई हैं ।" इसमें विशेष शंका नहीं रहती ।
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