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________________ निबन्ध-निचय "कल्पिका-कल्पिक" नामक शास्त्र श्वेताम्बर सम्प्रदाय में अवश्य था परन्तु उसका विच्छेद बहुत काल पूर्व हो चुका है । "महाकल्प" भी श्वेताम्बर सम्प्रदाय में अवश्य था; परन्तु इसका भी विच्छेद हुए लगभग १५०० वर्ष हो चुके हैं । देवों तथा देवियों की उत्पत्ति का निरूपण करने वाले ग्रन्थों को जिनसेनसूरि क्रमश: "पुण्डरीक" तथा "महापुण्डरीक" नाम देते हैं, परन्तु यह मान्यता भी आपकी सुनी सुनायी प्रतीत होती है। जहां तक हमने देखा है श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों सम्प्रदायों में उपर्युक्त नाम वाले ग्रन्थ नहीं हैं । कवि ने प्रायश्चित्तविधि को बताने वाला " निषद्यका" नाम का शास्त्र बताया है । यह नाम दिगम्बरों में प्रसिद्ध है, परन्तु श्वेताम्बर सम्प्रदाय में इस ग्रन्थ को “निशीथ " कहते हैं । ३०६ : १८वें सर्ग के ३७ वें श्लोक में "दशवैकालिक" के प्रथम अध्ययन की प्रथम गाथा का पूर्वार्ध का संस्कृत रूपान्तर बनाकर ज्यों का त्यों रख दिया है । " दशवैकालिक" की प्रथम गाथा का पूर्वार्ध " धम्मो मंगलमुक्कट्ठ, अहिंसा संजमो तवो" जिनसेनसूरि का उक्त गाथार्ध का संस्कृत अनुवाद - "धर्मो मंगलमुत्कृष्टमहिंसा संयमस्तपः " । उक्त प्रकार के पुराणान्तर्गत अनेक प्रतीकों से ज्ञात होता है कि प्राचार्य जिनसेन और इनके पूर्व गुरु यापनीय संघ में होंगे, अन्यथा श्वेताम्बरों में प्रचलित ग्रन्थ सूत्रों के नाम और उनके प्रतीक इनके पास नहीं होते । मालूम होता है जिनसेन के समय तक इनका श्वेताम्बरीय सम्बन्ध पर्याप्त रूप से छूट चुका था इसीलिये कई सूत्रों की परिभाषाओं के सम्बन्ध में आपने प्रतथ्य निरूपण किया है । इनके बाद के वसुनन्दी आदि टीकाकार प्राचार्यों ने वट्टकेर कृत “मूलाचार" की श्वेताम्बरीय सूत्र गाथाओं की व्याख्या करने में बहुत ही गोलमाल किया है । ज्यों-ज्यों समय बीतता गया त्यों-त्यों दोनों सम्प्रदायों के बीच पार्थक्य बढ़ता ही गया । यद्यपि "जिनसेन" हरिवंशपुराण का कथावस्तु बृहत् पुन्नाट संघ के वंश में से उपलब्ध होने की बात कहते हैं, परन्तु वस्तुतः "हरिवंश का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003121
Book TitleNibandh Nichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1965
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size13 MB
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