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: ३४ : प्राप्त-परीक्षा और
पत्र-परीक्षा
कर्ता : श्री विद्यानन्दी
आचार्य विद्यानन्दी ने प्राप्तपरीक्षा में १२४ कारिकाओं तथा टीका में प्राप्त पुरुष की चर्चा की है। इस ग्रन्थ में जैन जनेतर विद्वानों के नाम निर्देश निम्न प्रकार से हुए हैं
समन्तभद्र, अकलंकदेव, शंकर, प्रशस्तकर (वेदान्त) और भट्ट प्रभाकर आदि के नाम उल्लिखित हैं ।
"देवागमालंकृतौ तत्त्वार्थालंकारे विद्यानन्दमहोदयः च विस्तरतो निर्णीतं प्रतिपत्तव्यं ।" इस प्रकार प्राप्तपरीक्षा में अपने लिये उल्लेख किया है, इसी प्रकार तत्त्वार्थवातिकालंकार में भी दो एक जगह "विद्यानन्दमहोदय'' शब्द का उल्लेख करके अपने अन्य ग्रन्थ की गभित सूचना की है।
पत्र-परीक्षा में भी अन्य नामनिर्देशों के अतिरिक्त कुमारनन्दी भट्टारक की तीन कारिकाएँ उद्धृत की हैं। पत्र-परीक्षा में शास्त्रार्थ के लिए पत्रावलम्बन किये जाते थे। उन पत्रों के स्वरूप तथा पंचावयवादि वाक्यों का स्वरूप लिखा है।
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