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निबन्ध-निचय
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लिये भूमि के उदर में समा जातीं। आज हमें अधिक प्राचीन मूर्तियां उपलब्ध नहीं होती उसका यही कारण है । आज यदि प्राचीन स्थानों में खुदाई की जाय तो बहुत संभव है कि सैंकड़ों ही नहीं, हजारों की संख्या में हमारी प्राचीन मूर्तियां जमीन में से निकल सकती हैं, परन्तु राज्यसत्ता के अतिरिक्त ऐसा कौन कर सकता है ? और जब तक ऐसा न हो और अधिक प्राचीन मूर्तियां उपलब्ध न हों तब तक हमें पिण्डवाडा को उक्त मूर्तियों को ही मारवाड़ को सबसे प्राचीन जैन मतियां मानना रहा ।
वासा
मुनि कल्याणविजय
ता. १५-८-३६
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