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परिशिष्ट-२
(आचार्य तुलसी के लेख राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्रपत्रिकाओं में छपते रहते हैं-जैसे धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, नवभारत टाईम्स, राजस्थान पत्रिका कादम्बिनी, नवनीत आदि । पर वे सभी अंक उपलब्ध न होने से इस परिशिष्ट में हम उनका समावेश नहीं कर सके। इसमें केवल तेरापंथ संघ से सम्बन्धित पत्र-पत्रिकाओं के लेखों की सूची ही दी जा रही है। यहां केवल सन् ५५ तक आए लेखों का विवरण ही दिया जा रहा है क्योंकि सन् ८४ से आगे की पत्र-पत्रिकाओं के प्रायः सभी लेख पुस्तकों में आ चुके हैं। अतः पुनरुक्तिभय से हमने उन लेखों का समावेश नहीं किया है।
_ 'प्रेक्षाध्यान' पत्रिका जो कि पहले 'प्रेक्षा' नाम से निकलती थी, उसका प्रकाशन सन् ७८ से प्रारम्भ हुआ है। उसके कुछ लेखों के अतिरिक्त प्रायः सभी लेख 'प्रेक्षा अनुप्रेक्षा' पुस्तक में हैं। इसी प्रकार 'तुलसी प्रज्ञा' में भी पुस्तकों के अतिरिक्त नए लेख कम हैं अतः इन दोनों पत्रिकाओं के आलेखों का एक साथ निर्देश कर दिया गया है। यद्यपि ऐतिहासिक दृष्टि से पत्र-पत्रिकाओं के सभी लेखों की सूची देनी चाहिए थी पर उन लेखों की संख्या हजारों में हो गयी अतः हमने सूची बनाने के बाद भी पुस्तक में आए सभी लेखों को इस अनुक्रमणिका से निकाल दिया है।
कहीं-कहीं शीर्षक परिवर्तन के साथ जो लेख पुस्तक में छपे हैं, उनका पृथक्करण सम्भव न होने से वे पुनरुक्त हो सकते हैं।
इसमें सर्वप्रथम साप्ताहिक पत्रिका 'जैन भारती' के लेखों की सूची है, जो वर्तमान में मासिक पत्रिका है। इसके साथ ही प्राचीन 'विवरण पत्रिका' के आलेख भी इसमें आबद्ध
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