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आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण
एक बात की सिद्धि में उसके समकक्ष अनेक उदाहरणों को प्रस्तुत कर देना उनकी अपनी शैलीगत विशेषता है, जिससे कथ्य अधिक स्पष्ट एवं सुबोध हो जाता है । सत्य का यात्री कभी लकीर का फकीर नहीं होता, इस बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने अनेक उदाहरण साहित्यिक भाषा में प्रस्तुत किए
"प्रकाश की यात्रा करने वाला कोई भी मनुष्य अपनी मुट्ठी में सूरज का बिम्ब लेकर जन्म नहीं लेता। अमृत की आकांक्षा रखने वाला कोई भी आदमी अगम्य लोकों में घर बसाकर नहीं रहता। ऊर्जा के अक्षय स्रोतों की खोज करने वाला व्यक्ति विरासत में प्राप्त टेक्नालॉजी को ही आधार मानकर नहीं चलता। इसी प्रकार सत्य की यात्रा करने वाला साधक पुरानी लकीरों पर चलकर ही आत्मतोष नहीं पाता।"
किसी विशिष्ट शब्द की व्याख्या भी वे अनेक रूपों में करते हैं, जिससे पाठक को वह हृदयंगम हो जाए। उस स्थिति में शब्द या वाक्यांश की पुनरुक्ति अखरती नहीं, अपितु एक विशेष चमत्कार और प्रभाव को उत्पन्न करती है। इसे भी एक प्रकार से समानान्तरता का उदाहरण कहा जा सकता
अणुव्रती, अकाल मौत, महावीर की स्मृति तथा युवा आदि शब्दों को स्पष्ट करने वाली पंक्तियां द्रष्टव्य हैं
अणुव्रती बनने का अर्थ है-अहिंसक होना, शोषण न करना। अणुवती बनने का अर्थ है-नए सामाजिक मूल्यों की प्रस्थापना करना। अणुव्रती बनने का अर्थ है-अणु से पूर्ण की ओर गति करना । अणुव्रती बनने का अर्थ है-मनुष्य बनना। अकाल मौत का अर्थ है--प्रसन्नता में कमी। अकाल मौत का अर्थ है----मैत्री भाव में कमी। अकाल मौत का अर्थ है--स्वास्थ्य में कमी। महावीर की स्मृति का अर्थ है-पराक्रमी होना। महावीर की स्मृति का अर्थ है-विषमता के विषवृक्षों को जड़ से उखाड़ फेंकना। महावीर की स्मृति का अर्थ है-सत्यशोध के लिए विनम्र और उदार दृष्टिकोण अपनाना । महावीर की स्मृति का अर्थ है--संयम की शक्ति का स्फोट करना युवा वह होता है, जो तनावमुक्त होकर जीना जानता है। युवा वह होता है, जो प्रतिस्रोत में चलना जानता है ।
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