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आत्म निवीक्षण अपनी आदतों और प्रवृत्तियों का निरीक्षण करो। विश्लेषण करो। स्वयं प्रयत्न करो, फिर मूल्याङ्कन करो। निष्कर्ष निकालो-मेरी प्रवृत्ति से मुझे समाधि मिली या नहीं? ___ संवेगात्मक प्रतिक्रियाओं का निरीक्षण करो-क्रोध वयों आता है ? उदासी क्यों आती है? ठेस क्यों लगती है ? प्रसन्नता क्यों होती है? कुण्ठा वयों होती है? अवसाद क्यों होता है?
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०६ मार्च २०००
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भीतर की ओर
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