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महाप्राण ध्वनि-(१) ज्ञान तन्तुओं को सक्रिय करने के लिए महाप्राण ध्वनि का प्रयोग बहुत महत्त्वपूर्ण है। नाक और मस्तिष्क के तंतुओं का परस्पर गहरा सम्बन्ध है। गध की पहचान करने वाला मस्तिष्क का भाग बहुत पुराना है। इसे शरीरशास्त्र की भाषा में घाण मस्तिष्क (राश्नेन्केकॉलन) कहा। जाता है। इसमें भय, क्रोध, आक्रमण और कामेच्छा के केन्द्र अवस्थित हैं। __महाप्राण ध्वनि के द्वारा घाण मस्तिष्क की प्रवृत्तियों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।
MOMPARANAWoo
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१७ फरवरी
२०००
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