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ध्यान के साधन ध्यान की सफलता के लिए तदर्थोपयुक्त, तदर्पितकरण और तद्भावनाभावित इन तीन शब्दों पर विमर्श करना जरूरी है।
१. ध्येय के अर्थ की जितनी स्पष्टता होगी, उतना ही ध्यान सफल होगा।
२. ध्यान के समय मन, वचन और शरीर का ध्येय के प्रति जितना समर्पण होगा, उतनी ही ध्यान में सफलता मिलेगी।
३. ध्येय की भावना से आत्मा को जितना भावित करेगा उतना ही ध्यान सहज सिद्ध होगा।
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२६ जनवरी
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२०००
(भीतर की ओर
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