________________
ਨ
RA
LA'
AAAA
r
ध्यान की दिशा प्राचीन आचार्यों ने जैसे ध्यान की मुद्रा पर विचार किया वैसे ही दिशा पर भी विचार किया। पद्मासन, पर्यासन, सुखासन, वज्रासन आदि ध्यान के लिए उपयुक्त आसन हैं।
ध्यान के समय दृष्टि को नासाग्र पर टिकाना, श्वास-निःश्वास को मंद करना—ये सब ध्यान की मुद्रा के अज हैं।
ध्याता का मुंह पूर्व दिशा और उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इन दिशाओं की अभिमुखता ध्यान की सिद्धि में बहुत सहायक बनती है।
AMAKINm
am
२२ जनवरी
२०००
भीतर की ओर
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org