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ध्यान की तीन शक्तियां १. कल्पनाशक्ति-पहले स्पष्ट मानसिक चिन खींचो। कल्पना सामग्री-संचय करती है।।
२. इच्छा शक्ति-भावों की प्रबलता। भावों को ऑटोसजेशन द्वारा इच्छाशक्ति में बदला जा सकता है। सजेशन द्वारा भाव में उत्तेजना आती है। वही इच्छाशक्ति है, दृढ़ निश्चय है।
३. एकाग्रता की शक्ति-मन की शक्ति को एक ही दिशा में बहने दो। मन विषयान्तरित न हो। वह ध्येय की आकृति पर ही केन्द्रित रहे। मन में उत्पन्न विकल्पों का उत्तर मत दो। उन्हें द्रष्टाभाव से देखो।
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२३ 578
२३ जनवरी
२०००
(भीतर की भोर
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