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NEARRA
ब्रह्मचर्य-[१] ब्रह्मचर्य का विकास करने के लिए कुछ प्रयोग महत्वपूर्ण हैं
१. दीर्घ श्वास लें और दीर्घ श्वास छोड़ें। पूरक और रेचक की संधि पर ध्यान केन्द्रित करें। श्वास लेने के बाद क्षण भर के लिए श्वास-संयम करें और उस पर ध्यान केन्द्रित करें। रेचन के बाद भी क्षण भर श्वास संयम करें और फिर उस पर ध्यान केन्द्रित करें।
इस प्रयोग का दीर्घकाल तक अभ्यास करें।
२. सुषुम्ना में श्वास या प्राणधारा का अनुभव करें। शक्तिकेन्द्र की प्राणधारा ऊपर जाए, तब 'अ' का और नीचे आए तब 'ह' का ध्यान करें।
३. दर्शनकेन्द्र पर 'ॐ हीं स्वी' का साक्षात्कार करें।
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१४ नवम्बर
२०००
(भीतर की ओर
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