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उठाठ
विचार शमन का प्रयोग-(२)
३. अनिमेष नेन-चक्षु को अपलक रखना। एकाग्रता अथवा निर्विचार होने की दृष्टि से यह अवस्था सर्वोत्तम है। प्रेक्षाध्यान में अनिमेष प्रेक्षा का अभ्यास कराया जाता है। इसका प्रयोग नासाग्र दर्शन, भृकुटि दर्शन, भित्ति दर्शन, बिन्दुदर्शन आदि अनेक रूपों में किया जा सकता है।
अनिमेष चक्षु से आकाश को देखना एकाग्रता तथा निर्विचार होने का उत्तम साधन है। इष्ट के मानसिक चिन्न का निर्माण कर उसे अपलक दृष्टि से देखना एकाग्र होने का प्रयोग है।
२० अक्टूबर
२०००
(भीतर की ओर
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