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तरमा
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विचार शमन का प्रयोग-[१) विचार से निर्विचार में जाने के लिए चक्षु का संयम और वाणी का संयम दोनों महत्वपूर्ण साधन हैं। इसीलिए ध्यान की मुद्रा में चक्षुसंयम का प्रयोग कराया जाता है।
चक्षुसंयम के तीन रूप बनते हैं
१. आंखें बंद-इस अवस्था में ऊर्जा और अवधान दोनों एक दिशागामी हो जाते हैं। कुछ व्यक्तियों के बंद आंख की स्थिति में तनाव पैदा हो जाता है।
२. अधमुंदी आंखें-इस अवस्था में भी ऊर्जा और भवधान एक दिशागामी हो जाते हैं। तनाव पैदा नहीं होता। बंद आंख की स्थिति में, जो तनाव पैदा होता है, वह समाप्त हो जाता है।
१६ अक्टूबर
२०००
(भीतर की ओर)
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