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तळवलकर
स्थूल की समस्या
हमारा बाह्य जगत से सम्पर्क इन्द्रियों के माध्यम से है। बाह्य जगत में स्थूल और सूक्ष्म दोनों तत्त्व है । इन्द्रियां स्थूल को जान सकती हैं सूक्ष्म को नहीं। इसलिए एक साधारण मनुष्य स्थूल जगत से और उसके नियमों से परिचित है। सूक्ष्म जगत उसके लिए अज्ञात है । समग्र दर्शन और समग्र चिन्तन के सामने यह एक बहुत बड़ी समस्या है। खोजना है इसका समाधान ।
१२ जनवरी २०००
भीतर की ओर २८
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